Bihar Dakhil Kharij
जमीन का दाखिल खारिज क्यों ज़रूरी है?
बहुत सारे लोग जमीन खरीद तो लेते हैं, लेकिन उसका मोटेशन (दाखिल खारिज) नहीं करा पाते।कई लोग 5 साल, 7 साल, 10 साल, यहाँ तक कि 15 साल तक दाखिल खारिज नहीं करा पाए।
आपको यह जानना ज़रूरी है कि जमीन की रजिस्ट्री चाहे कहीं भी करा लें, रजिस्टर्ड डीड या बेनामा मिल जाए, लेकिन जब तक मोटेशन और दाखिल खारिज पूरा नहीं होता और ऑनलाइन आपके नाम से शो नहीं करता, तब तक सरकार के रिकॉर्ड में वह जमीन आपकी नहीं मानी जाती।
बिहारवासियों के लिए बड़ा अवसर
बिहार के लोगों के लिए अब यह एक बड़ा अवसर है। अगर आपकी जमीन का दाखिल खारिज सालों से लंबित है, तो अब आप इसे घर बैठे आसानी से करा सकते हैं।
इसके लिए बिहार सरकार ने राजस्व सुधार महा अभियान शुरू किया है। यह 16 अगस्त से शुरू हो चुका है।
पंचायत स्तर पर शिविर
हर पंचायत में दो बार शिविर लगाए जा रहे हैं। आपको अपने पंचायत के शिविर में जाना है, जहाँ आपको फॉर्म मिलेगा।
आपको अपना रजिस्टर डीड, केवाला या बेनामा (फोटोकॉपी) फॉर्म के साथ अटैच करना होगा। इसके बाद आपका दाखिल खारिज प्रोसेस शुरू हो जाएगा।
शिविर में क्या सुविधाएँ मिलेंगी?
- वहाँ पर राजस्व कर्मचारी और तहसीलदार (अंचलाधिकारी) मौजूद रहेंगे।
- वे आपको हर जरूरी डॉक्यूमेंट की जानकारी देंगे।
- दाखिल खारिज, जमाबंदी सुधार, पैतृक संपत्ति का नामांतरण, भाइयों में बंटवारा, रसीद कटवाने जैसी सारी समस्याएँ वहीं हल होंगी।
- जिन जमीन-जायदाद का डेटा ऑनलाइन नहीं चढ़ा है, वह भी ऑनलाइन अपडेट हो जाएगा।
किन मामलों में दाखिल खारिज नहीं होगा?
अगर किसी प्रॉपर्टी पर कोर्ट केस चल रहा है या विवादित जमीन पर स्टे लगा हुआ है, तो उस पर मोटेशन नहीं होगा। जब तक केस का निपटारा नहीं होगा, तब तक उसका दाखिल खारिज लंबित रहेगा।
बिहार से बाहर रहकर भी होगा काम
अगर आप बिहार से बाहर रहते हैं या नौकरी करते हैं, तो भी आपका काम हो जाएगा। जहाँ आपकी उपस्थिति ज़रूरी होगी, वहाँ आपको बुलाया जाएगा।