Bihar Jamin Survey Par Rok
जमीन सर्वे बंद होने का कारण
बिहार सरकार द्वारा चल रहा जमीन सर्वेक्षण अभियान अभी रोक दिया गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि सर्वे के दौरान कई त्रुटियाँ सामने आईं।
बहुत से लोगों के वंशावली प्रमाणपत्र नहीं थे, खाता-खतियान में गलतियाँ थीं, नाम और पिता के नाम में गड़बड़ी थी, साथ ही कई जमीनें ऑनलाइन दर्ज ही नहीं थीं।
इस वजह से सर्वे की प्रक्रिया और उलझ गई और सरकार पर अनियमितता और अन्याय के आरोप लगने लगे। इसी कारण फिलहाल सर्वे को रोक दिया गया है।
राजस्व सुधार महा अभियान की शुरुआत
इन समस्याओं को हल करने के लिए बिहार सरकार ने राजस्व सुधार महा अभियान शुरू किया है।
इस अभियान के तहत:
- हर पंचायत में दो बार शिविर (कैंप) लगाया जाएगा।
- इन शिविरों में राजस्व कर्मचारी, अंचलाधिकारी और सरकारी अमीन मौजूद रहेंगे।
- शिविर में लोगों को फॉर्म भरकर अपने डॉक्यूमेंट्स जमा करने होंगे।
सरकार ने यह व्यवस्था इसलिए की है ताकि जमीन से जुड़े विवादों और त्रुटियों का समाधान पहले हो जाए, उसके बाद ही नया सर्वे शुरू किया जा सके।
किन समस्याओं का समाधान होगा?
1. बंटवारा और नामांतरण (दाखिल खारिज)
अगर दादा, परदादा या पिता के नाम से जमीन है और अभी तक बंटवारा नहीं हुआ है, तो शिविर में जाकर उसे अपने-अपने नाम पर करा सकते हैं।
2. खाता-खतियान सुधार
नाम, पिता का नाम, रकवा या चौहद्दी में त्रुटि है तो उसका सुधार किया जाएगा।
3. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
जिन जमीनों का ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें भी ऑनलाइन दर्ज कराया जाएगा।
4. वंशावली प्रमाणपत्र की सुविधा
जिनके पास परदादा या पुराने पूर्वज का प्रमाण नहीं है, उनके लिए पंचायत के मुखिया या सरपंच द्वारा वंशावली प्रमाण पत्र बनाया जाएगा।
5. लंबे समय से लंबित दाखिल खारिज
जिन लोगों ने 10-20 साल पहले जमीन खरीदी लेकिन दाखिल खारिज नहीं करा पाए, उनका भी दाखिल खारिज इसी शिविर में आसानी से हो जाएगा।
किन मामलों का समाधान नहीं होगा?
- जिन जमीनों पर कोर्ट में केस चल रहा है या विवादित है, उनका समाधान न तो इस शिविर में होगा और न ही सर्वे में।
- अगर किसी जमीन पर दो या अधिक लोग दावा कर रहे हैं, तो वह मामला भी पेंडिंग रहेगा।
लोगों को क्या करना चाहिए?
- अपने पंचायत में कब और कहाँ शिविर लगेगा, यह जानकारी मुखिया, सरपंच या वार्ड सदस्य से लें।
- फॉर्म भरकर डॉक्यूमेंट्स की फोटो कॉपी जमा करें।
- सक्रिय रहें क्योंकि यह कैंप केवल दो बार लगेगा।
निष्कर्ष
बिहार में जमीन का सर्वे फिलहाल रोक दिया गया है। अब पहले राजस्व सुधार महा अभियान के जरिए बंटवारा, दाखिल खारिज और रिकॉर्ड की त्रुटियों को दूर किया जाएगा।
इसके बाद ही नया सर्वे होगा। यह अभियान जमीन विवादों को खत्म करने और लोगों को उनका वास्तविक मालिकाना हक दिलाने के लिए चलाया जा रहा है।
Q1. बिहार में जमीन का सर्वे क्यों रोका गया?
जवाब: जमीन सर्वे के दौरान त्रुटियाँ और विवाद सामने आए, इसी कारण सरकार ने फिलहाल सर्वे रोक दिया है।
Q2. राजस्व सुधार महा अभियान क्या है?
जवाब: यह बिहार सरकार का विशेष अभियान है, जिसमें पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर बंटवारा, दाखिल खारिज और खाता-खतियान की गलतियों को सुधारा जा रहा है।
Q3. क्या विवादित जमीन का समाधान इस शिविर में होगा?
जवाब: नहीं, कोर्ट में चल रहे विवादित मामलों का समाधान इस शिविर में नहीं किया जाएगा।
Q4. क्या ऑनलाइन दर्ज नहीं हुई जमीन को भी अपडेट कराया जा सकता है?
जवाब: हाँ, जिन जमीनों का ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें भी इस अभियान में ऑनलाइन दर्ज कराया जा सकता है।
Q5. बिहार के किस-किस पंचायत में शिविर लगेगा?
जवाब: हर पंचायत में दो बार शिविर लगेगा, जिसकी जानकारी मुखिया, सरपंच या वार्ड सदस्य से मिल सकती है।